Sunday 3 October 2010

तंत्र यंत्र मंत्र

ग्रह से सफलता का आगे का हिस्सा........................................................................

तीनो वर्ग कुंडलियों से जो ग्रह दशम-एकादश भाव या भावेश विशेष संबंध बनाते है, उन ग्रहों की दशा, अन्तरदशा में तरक्की मिलने की संभावना रहती है | कुंडली में बली ग्रहों की व शुभ प्रभाव के ग्रहों की दशा में भी प्रमोशन मिल सकता है | एकादश घर को आय की प्राप्ति का घर कहा जाता है | इस पर उच्च के ग्रह का गोचर लाभ देता है | पद लग्न वह राशि है जो लग्नेश से ठीक उतनी दूरी पर है, जितनी दूरी पर लग्न से लग्नेश है | पद लग्न के स्वामी की दशा अन्तर्दशा या दशमेश व एकादशेस का पद लग्न पर गोचर करना तरक्की के संयोग बनता है | पद लग्न से दशम व एकादश भाव पर दशमेश या एकादशेश का गोचर होने पर भी लाभ की संभावना रहती है | 

आगे और भी है.....................................................................



दीपक

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