पिछले भाग का शेष..............................................................
कनारत 24 सितम्बर को थे जो अब संपन्न हो चुके है | श्राद्ध प्रमुख तीन अवसरों पर मनाये जाते है | जातक के मृत्यु पर,
कनागत समय पर, माह तिथि नक्षत्रो के विशेष संयोग पर | विवाह संस्कार आदि शुभ आयोजन आदि में भी पितृ पूजे जाते
है |
आगे और भी है....................................................
दीपक
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