Sunday, 24 October 2010

पितृ के प्रति श्रध्दा होना चाहिए (भाग-4)

पिछले भाग का शेष..............................................................


कनारत 24 सितम्बर को थे जो अब संपन्न हो चुके है | श्राद्ध प्रमुख तीन अवसरों पर मनाये जाते है | जातक के मृत्यु पर, 

कनागत समय पर, माह तिथि नक्षत्रो के विशेष संयोग पर | विवाह संस्कार आदि शुभ आयोजन आदि में भी पितृ पूजे जाते  

है | 




आगे और भी है....................................................


दीपक               

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