Tuesday, 19 October 2010

चुटकुले




1) रमेश- सुरेश ट्रेन से कहीं जा रहे थे। सामने की सीट पर बैठे एक सहृदय यात्री ने उन्हें खाने के लिए केला  
    दिया। रमेश  ने केला छीलकर खाना शुरू किया ही था कि ट्रेन एक बोगदे में प्रवेश कर गई, चारों ओर अंधेरा 
    हो गया। बोगदे से निकलने के बाद फिर उजाला हो गया। तभी घबराए हुए रमेश ने सुरेश से कहा- केला मत 
    खाना, इसमें कुछ गड़बड़ है। इसे खाने पर कुछ देर के लिए अंधे हो जाते हैं। 

2) मुकेश अपने दोस्त किशोर से- यार मुझे लगता है, उम्र बढ़ने के साथ-साथ मेरी ताक़त भी बढ़ती जा रही है। 

    किशोर- तुम्हें यह कैसे इलहाम हुआ? 
    मुकेश- देखो, दस साल पहले मैं बीस रुपए की चीनी बड़ी मुश्किल से उठा पाता था, लेकिन अब इतने रुपए   
    की ही चीनी आसानी से उठा लेता हूं। 


3) महेश भगवान से प्रार्थना कर रहा था- भगवान प्लीज़, चंडीगढ़ को अमेरिका की राजधानी बना दे। तभी
    भगवान प्रकट हुए और पूछा- तू ऐसी इच्छा क्यों कर रहा है? महेश- क्योंकि मैं पेपर में लिख आया हूं।
4) संता बेवकूफ़ अपने बेटे से- बेटा, तीन बिस्तर क्यों लगा रहे हो? बेटा- घर पर तीन मेहमान आएंगे। नानी का 

    इक़लौता बेटा, मम्मी का भाई और मेरा मामा। संता बेवकूफ़- ओए, एक बिस्तर और लगा। मैं बताना भूल 
    गया था, मेरा साला भी तो आ रहा है। 
5) एक कंजूस अपनी पत्नी से- जाओ तो, पड़ोस के शर्माजी के यहां से बाम मांग लाओ। सिर दर्द कर रहा है। 
    बंतानी- वो लोग नहीं देंगे। 
    संता कंजूस- हां शायद, बहुत कंजूस हैं वे। चल एक काम कर, फ़िर अपनी आलमारी से ही निकाल ला। 
 दीपक

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