मकर संक्रांति पर्व पृथ्वी की उत्पत्ति का दिन भी है। सामवेद के तांड्य ब्राrाण ग्रंथ में इस बात का उल्लेख है कि आज ही के दिन सूर्य से अलग होकर पृथ्वी पुष्य नक्षत्र से मघा नक्षत्र की ओर गई। यह घटना करीब 167 करोड़ साल पुरानी है। भूगोल विज्ञानी भी पृथ्वी की उत्पत्ति करीब 200 करोड़ वर्ष पुरानी मानते हैं। पहले पृथ्वी गैसीय पिंड थी, बाद में ठोस आकार में आते ही यह पिंड के रूप में सूर्य से अलग हुई।
वैज्ञानिक नजरिए से देखें तो हमारी काल गणना सूर्य से प्रारंभ होती है। आज पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती हुई सूर्य के सबसे नजदीक होगी, जिससे मौसम में गर्मी का अहसास होने लगेगा। अंडाकार आकार में 23.5 डिग्री कोण पर झुका होने से पृथ्वी ग्रह साल में 4 बार मौसम चक्र को बदलता है। पृथ्वी 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड में सूर्य का एक चक्कर पूरा कर लेती है। मकर सक्रांति से ही मौसम चक्र भी बदल जाएगा। सूर्य की दूरी कम होने से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगेंगी।
आपको संक्रांति की बहुत बहुत बधाई................................................................
दीपक
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