"जय माता दी"
सिंहासानगता नितयं पदयाश्रीतकरदवाया | शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ||
पूजन की विधि - एकाग्र होकर माँ की शरण में आने का प्रयत्न करें | साथक का मन समस्त लौकिक, सांसारिक, मायिक, बन्धनों, से विमुक्त होकर पदमासना माँ स्कंधमाता के स्वरुप में पुर्णतः तल्लीन होता है | साधक को सावधानी के साथ उपासना की ओर अग्रसर होना चाहिए | उसे अपनी समस्त ध्यान- वृत्तियों को एकाग्र रखते हुए साधना के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए |
बोलो माँ स्कंदमाता देवी की.................................जय
बोलो माँ स्कंदमाता देवी की ................................जय
बोलो माँ स्कंदमाता देवी की.................................जय
दीपक
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