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यहाँ तक कि उन्होंने अपना घर भी नहीं बसाया |
उडीसा के कटक में 19 अप्रैल 1965 को को इनका जन्म हुआ था | सामने थी भूख और गरीबी | चार साल कि छोटी सी उम्र में उनके पिता नहीं रहे | विधवा माँ ने उन्हें बड़ी मुस्किल से पाला | थोड़ी समझ आई तो उन्होंने ठान लिया कि भूख और गरीबी को हरा कर मानेगे | लेकिन उनके सामने सवाल था कि कैसे पढ़ेंगे, कैसे बढेंगे, और सबसे बड़ी बात तो पैसे कहाँ से आएंगे | किसी तरह उन्होंने अपनी पढाई पूरी की | फिर उन्होंने केमिस्ट्री में एम एस सी की | और फिर उन्होंने एक युनिवर्सिटी में बतौर लेक्चरर नियुक्त हुए | पर सिर्फ पेट पलना उनका मकसद नहीं था उनका मकसद तो कुछ और ही था |
आगे और भी है...............................................................
दीपक
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