Monday 22 November 2010

प्रेरणा

पिछले लेख का आगे का भाग.................................................

वे आपने लक्ष्य में जुटे रहे | पैसा जुटाया और इस युनिवर्सिटी की नीव रखी | अच्युत जी इस युनिवर्सिटी के चांसलर है और उनकी देख रेख में करीब 12000 बच्चो की मुफ्त में पढाई हो रही है | अच्युत जी के "किस" का नाम पूरी दुनियाँ में उस वक़्त गूंजा जब इस सबसे बड़े आदिवासी स्कूल के बच्चो की रग्बी टीम ने लन्दन में झंडा गाड़ा | स्कूली बच्चो की टीम ने (14 साल से नीचे की) साऊथ अफ्रीका की टीम को हराकर विश्व कप पर कब्ज़ा किया | इस टीम ने केन्या, स्विडजरलैंड, रोमानिया, जम्बिया को हराकर फ़ाइनल में जगह बने थी | ये अच्युत जी के लिए गर्व की बात तो थी ही बल्कि उनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि भी थी |     

  
आगे और भी है...............................................................


दीपक  

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